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सेतुबंध रामेश्वरम का माहात्म्य

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सेतुबंध रामेश्वरम् का माहात्म्य सेतुबंध रामेश्वरम् दक्षिण समुद्र तट पर तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है । यहाँ भगवान शिव का शिवलिंग स्थित है। त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम   जब सीता जी को लंकेश रावण से वापस लाने के लिए जा रहे थे तभी समुद्र पर सेतु बनाते समय उन्होंने यहीं शिवलिंग की स्थापना किये । भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए जाने के कारण रामेश्वरम् कहलाये अर्थात् जो श्रीराम का ईश्वर हो --वही रामेश्वरम् है।  भगवान श्री राम ने श्री रामचरितमानस मानस में कहा है --   ' लिंग थापि विधिवत करि पूजा ।  शिव समान मोहि प्रिय नहीं दूजा।।' उन्होंने अपने श्री मुख से कहा है --  "  जो व्यक्ति रामेश्वरम् का दर्शन करेंगे , उन्हें सायुज्य मुक्ति प्राप्त होगी।"   सेतुबंध रामेश्वरम् का माहात्म्य नमस्कार बंधुओ ! मैं नन्द किशोर राजपूत आज पावन पुनित  सेतुबंध रामेश्वरम् की महिमा  वर्णन करने जा रहा हूँ । जिसके पढ़ने से पापों के समूह नष्ट हो जाते हैं। यह स्थान भारत के अंतिम छोर पर स्थित है। हमारे धर्मशास्त्र में गंधमादन पर्वत के नाम से...

जगन्नाथ पुरी की महिमा

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जगन्नाथ पुरी की महिमा नमस्कार बंधुओ, मैं नन्द किशोर राजपूत आज आपको कलिंग लेकर चलता हूँ , जो उत्कल , उड़ीसा आदि के भी नामों से जाना जाता है । मैं ' जगन्नाथ पुरी की महिमा '  के बारे में वर्णन करने जा रहा हूँ। यह पावन पुरी आध्यात्मिक के साथ - साथ ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से भी अति महत्वपूर्ण है । यह पुरी जलधि तीर पर बसा हुआ है।  अशोक का शस्त्र त्याग व धर्म परिवर्तन -- उड़ीसा का प्राचीन नाम कलिंग है , जहाँ के शासक को पराजित करने के लिए महाराज अशोक को चढ़ाई करनी पड़ी थी । उनको कलिंग से चार वर्षों तक लगातार युद्ध करना पड़ा था । सेनानायक और महाराज की लड़ाई में मृत्यु हो जाने के बाद उनकी पुत्री पद्मा स्वयं युवतियों की सेना का नेतृत्व करती हुई अशोक के सामने आयी। महाराज अशोक ने स्त्री पर हथियार चलाना धर्मोचित् नहीं समझा और अपने अस्त्र - शस्त्र का त्याग करके बौद्ध धर्म  को स्वीकार कर आजीवन अहिंसा का व्रत ले लिया । जगन्नाथ पुरी धाम भारत के चार धामों में जगन्नाथपुरी धाम का विशेष महत्व है । यहाँ के भव्य मन्दिर में भगवान जगन्नाथ , सुभद्रा व बलराम की मूर्तियाँ दर्श...

Papankusha | पापांकुशा एकादशी | आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य

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Papankusha | पापांकुशा एकादशी | आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य श्री गणेशाये नमः।। श्री गुरुवे नमः।।                         मैं नन्द किशोर सिंह आज आपके समक्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी का वर्णन करने जा रहा हूँ , जो ब्रह्मवैवर्तपुराण से लिया गया है और भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को सुनाया है।                               जो लोग एकादशी व्रत करते हैं वो तो पुण्यत्मा हैं ही लेकिन बहुत सारे लोग व्रत नहीं कर सकते हैं वे इस कथा का श्रवण या अध्ययन जरूर करें क्योंकि ऐसा करने से उनके असंख्य पाप मिट जाते हैं। महत्वपूर्ण बात जो लोग उपवास नहीं रख सकते वो लोग रोटी के साथ नमक छोड़कर मीठा भोजन कर सकते हैं ऐसा करने से एकादशी व्रत का एक चौथाई फल मिल जाता है। श्री गौरीपतये नमः।। Papankusha | पापांकुशा एकादशी | आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य                 ...

Indira Ekadashi | इंदिरा एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य#आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी कथा

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Indira Ekadashi | इंदिरा एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य#आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी कथा श्री गणेशाये नमः।। भगवान विष्णु का द्वादश अक्षर मंत्र -- जिसे जपकर भक्तराज ध्रुव ने हरि नारायण को प्रसन्न किया ---- " ॐ नमो भगवते वासुदेवाय " जय श्री हरि ! मैं नन्द किशोर आज आपके लिए मैं पावन पवित्र आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी कथा व माहात्म्य लेकर आया हूँ जो पुण्य प्रदायिनी इंदिरा के नाम  से प्रसिद्ध है। जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर महाराज को सुनाया है और जो ब्रह्मवैवर्त पुराण से लिया गया है। Indira Ekadashi | इंदिरा एकादशी व्रत कथा व माहात्म्य#आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी कथा भगवान श्री कृष्ण ने कहा -- हे पाण्डव !                    आश्विन कृष्णपक्ष में इंदिरा नाम की एकादशी होती है। इस व्रत के प्रभाव से बड़े - बड़े पाप नष्ट हो जाते हैं । अधोगति को प्राप्त हुए पितरों को यह गति देने वाली है ।  हे राजन् ! सावधान होकर इस पापों को दूर करने वाली कथा को सुनो । इसके सुनने से वाजपेय यज्ञ  का फल मिलता है । राजा इन्द्रसेन की कथा...

अजा एकादशी व्रत कथा -- Aja Ekadashi Vrat Katha/भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी कथा

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अजा एकादशी व्रत कथा -- Aja Ekadashi Vrat Katha/भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी कथा नमस्कार दोस्तो ,                      मैं नन्द किशोर सिंह आज आपके लिए महापुण्यदायिनी भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी  कथा लेकर आया हूँ । इस पापनाशिनी कथा को भगवान श्रीकृष्ण जी ने युधिष्ठिर से कहा है  जो ब्रह्मवैवर्त पुराण से लिया गया है । अजा एकादशी व्रत कथा -- Aja Ekadashi Vrat Katha/भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी कथा भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम अजा है जो सभी पापों को   दूर करने वाली है । इससे बढ़कर कोई भी हितकारी व्रत नहीं है।  सत्यवादी हरिश्चन्द्र की कथा      प्राचीन समय में सब पृथ्वी का स्वामी चक्रवर्ती  हरिश्चन्द्र नाम का सत्यवादी राजा हुआ । वह किसी कर्म के वश राज्य से भ्रष्ट हो गया। उसने अपनी स्त्री पुत्र  और अपने शरीर को भी बेच दिया । हे राजन् ! वह धर्मात्मा राजा  चांडाल ( डोम )   के यहाँ नौकर हो गया परंतु उन्होंने सत्य नहीं छोड़ा । स्वामी की आज्ञा से वह कर ( टेक्स) के रूप में मुर्द...