जो डर गया- वो मर गया | Jo dar gaya- wo mar gaya
जो मर गया-वो डर गया | Jo mar gaya-wo dar gaya नमस्कार दोस्तो, मैं नन्द किशोर सिंह आज आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आया हूँ , जिसका शीर्षक ' जो डर गया-वो मर गया | Jo dar gaya- wo mar gaya ' है । इस कहानी में स्वामी विवेकानंद के बचपन के एक कड़ी के ऊपर प्रकाश डाला गया है जो हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए उपयोगी हो सकता है। यह लेख काशी नगरी से जुड़ी हुई है तो चलिए एक बार काशी नगरी को थोड़ा समझ लिया जाए। काशी एक ऐतिहासिक नगरी काशी नगरी आज से नहीं बल्कि प्राचीन समय से ही एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है , जिसका नाम बनारस , वाराणसी भी है । यह नगरी भगवान शिवजी के त्रिशूल पर बसा हुआ है । यहाँ मरने वाले जीवों के कान में शिवजी स्वयं राम नाम का उच्चारण करते हैं जिससे उस ज...